November 1, 2024

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अंधे मां-बाप को नहीं पता कब हो गई बेटे की मौत, 4 दिनों तक घर में पड़ी रही लाश; खाना-पानी के लिए बेटे को लगाते रहे आवाज

अंधे मां-बाप को नहीं पता कब हो गई बेटे की मौत, 4 दिनों तक घर में पड़ी रही लाश; खाना-पानी के लिए बेटे को लगाते रहे आवाज

हैदराबाद

हैदराबाद में अंधे माता-पिता बेटे को खाने-पानी के लिए आवाजे लगाते रहे, मगर वह कमरे से बाहर नहीं निकला. एक बार नहीं सुने पर मां-बाप ने फिर से आवाज लगाई, लेकिन बेटा तो अभी भी बाहर नहीं निकला. अब आप सोच रहे होंगे कि ये कैसा बेटा है, जो माता-पिता की सेवा तक नहीं करता. मगर, इस कहानी का पहलू तो कुछ और ही है. दरअसल, जिस बेटे को मां-बाप आवाज लगा रहे थे, वह चार दिनों से मारा पड़ा था. अंधे मां-बाप को इस बात की जानकारी ही नहीं थी, कि उनका बेटा मर चुका है. चूंकि यह बेटा ही उनके लिए खाना पानी की व्यवस्था करता था, इसलिए बुजुर्ग चार दिन से भूखे प्यासे पड़े थे. इससे उनकी भी हालत खराब हो गई थी.
दिल को झकझोर कर रख देने वाली घटना हैदराबाद के घटना नागोल की एक कॉलोनी की है. मंगलवार को घटना तब सामने आई जब पड़ोसियों को घर से बदबू आई और उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी. पुलिस को घर में 32 वर्षीय व्यक्ति का शव मिला, जबकि 60 साल से ज्यादा उम्र के दंपत्ति भूख और तकलीफों से जूझते रहे. वह पुलिस को अर्धचेतन अवस्था में जमीन पर पड़े मिले. पुलिस ने मानवता का परिचय देते हुए बुजुर्ग दंपत्ति की देखभाल की और खाना-पानी दिया गया.

चार दिनों से बेटे को आवाज लगा रहे थे अंधे मां-बाप

अंधे मां-बाप ने पुलिस को बताया कि उन्होंने अपने बेटे को भोजन और पानी के लिए आवाज लगाई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. पुलिस को संदेह है कि युवक की मौत नींद में ही हो गई. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए सरकारी उस्मानिया अस्पताल भेज दिया गया है. राचकोंडा पुलिस आयुक्तालय के अंतर्गत नागोल पुलिस स्टेशन ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. नागोल थाने के सर्किल इंस्पेक्टर सूर्य नायक के अनुसार, दंपत्ति की तेज आवाजें लगाने में असमर्थ थे. शायद इसलिए उनके पड़ोसी भी उनकी आवाज नहीं सुन सके. बुजुर्गों ने बताया कि वह चल फिर भी नहीं सकते. ऐसे में उन लोगों ने बेटे को कई बार आवाज लगाई, लेकिन प्रमोद का कोई जवाब नहीं मिला. चूंकि वह लोग दरवाजा बंद कर के सोए थे, इसलिए वह बाहर किसी से मदद भी नहीं मांग सकते थे. ऐसे हालात में दोनों बुजुर्ग दंपत्ति चार दिन भूखे प्यासे पड़े रहे.

सरुर नगर में रहता है बड़ा बेटा

पुलिस पहुंची उस समय दोनों बुजुर्ग अचेत पड़े थे और इनके मुंह से झाग निकल रहा था. ऐसे में तुरंत इन्हें अस्पताल ले जाया गया और प्राथमिक उपचार देने के साथ नहाने धोने और खाने पीने की व्यवस्था कराई गई. पुलिस के मुताबिक प्रमोद का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. हालांकि आशंका है कि उसकी मौत सोते सोते ही हो गईं . बुजुर्ग दंपत्ति ने बताया कि उनके दो बेटे हैं. उनका बड़ा बेटा सरूर नगर में रहता है. जबकि दूसरा बेटा प्रमोद उनके साथ रहता था. पुलिस ने बुजुर्ग के बड़े बेटे को सूचित कर दिया है.

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