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खेत को पानी फसल को दाम के लिए किसानों द्वारा विधानसभा के लिए जयपुर कूच

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खेत को पानी फसल को दाम के लिए किसानों द्वारा विधानसभा के लिए जयपुर कूच

किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई जिसमें पदाधिकारियों द्वारा सुझावों के अनुसार 28 फरवरी 2023 को 4 मार्गों से पैदल ही चलकर किसान विधानसभा का घेराव करेंगे।

भारत कृषि प्रधान देश है। संविधान में कृषि राज्य का विषय हैं।
प्रथम पंचवर्षीय योजना में कृषि एवं सिंचाई पर 31% व्यय करने का प्रावधान किया गया था । इसी से भाखड़ा नागल एवं इंदिरा गांधी नहर परियोजना जैसी वृहद परियोजनाएं धरातल पर उतरी । जिससे किसानों के चेहरों पर मुस्कान आई तथा राज्यों के राजस्व में बढ़ोतरी हुई । खेत को पानी से देश की मिट्टी सोना उगलती है तथा उत्पादन में जादू होता है। इसके उपरांत भी बजटो में सिंचाई को प्राथमिकता प्राप्त नहीं हुई। देश की 60% तथा राजस्थान की 70% भूमि सिंचाई से वंचित है । इसी क्रम में फसलों के दाम प्राप्त हो जावे तो किसान ऋण लेने वाला नहीं रहेगा वरन ऋण देने वाला बन जाएगा।

फसलों के दाम हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून आवश्यक है ।
12 वर्ष पूर्व दूदू से आरंभ यह आंदोलन देशव्यापी बनकर सर्वाधिक चर्चित है। इस प्रकार का कानून राजस्थान सरकार भी बना सकती है ।
कृषि उपज मंडी अधिनियम में इस प्रकार के प्रावधान है किंतु वे बाध्यकारी(आज्ञापक) नहीं है। इसके लिए एक शब्द बदलने तथा “नीलामी बोली न्यूनतम समर्थन मूल्य से ही आरंभ” होगी जोड़ने से किसानों को उनकी उपजों के लाभकारी दाम प्राप्त होने का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।

बजट में सिंचाई परियोजना को प्राथमिकता के आधार पर राशि आवंटित की जा कर पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को पूरा किया जावे। इसी के साथ इस परियोजना में साबी एवं अन्य नदियों को जोड़ा जावे।

हरियाणा के साथ हुए समझौते की पालना में यमुना का पानी सीकर ,झुंझुनू, भरतपुर में लाने के लिए सार्थक सफल प्रयास किए जावे ।
बारां जिले की बहुउद्देशीय परवन सिंचाई परियोजना एवं पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने के लिए विधानसभा में संकल्प लाया जावे।
पाकिस्तान सहित पड़ोसी राज्यों में व्यर्थ बहकर जा रहे पानी तथा विद्यमान सिंचाई परियोजनाओं के पानी का सही प्रकार से उपयोग हेतु कार्य योजना बनाकर उसके सफल क्रियान्वयन की आवश्यकता है।

किसानों की आय की सुधार के लिए प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाली हानि की भरपाई हेतु प्रति हेक्टेयर 50000 रुपये का प्रावधान करने एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की नीति एवं क्रियान्वयन को प्रभावी बनाने की भी उतनी ही आवश्यकता है । इसी प्रकार समय पर खाद,बीज, किटनाशक, बिजली-पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जावे।

किसान तू रहेगा मौन तो तेरी सुनेगा कौन

अतः किसान भाइयों काम छोड़कर पैदल ही जयपुर विधानसभा तक पहुंचने का संकल्प व्यक्त करें।
इस हेतु भागीरथ बने और अधिकाधिक संख्या में भागीरथ तैयार करें।
प्रदेश महामंत्री सुन्दर लाल भावरिया, जगदीश नारायण चौधरी, युवा प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद चौधरी, युवा महामंत्री पिंटू यादव, सेवानिवृत्त डीआईजी एन एस डांगावास, खेजडोली पूर्व सरपंच मदन लाल युवा प्रदेशाध्यक्ष रामलाल घोसल्या, रामचन्द्र यादव, युवा प्रमोद मीना, मुरलीधर ,स्वामी चेतनानंद , दूदू अध्यक्ष बलदेव महरिया, मौजमाबाद अध्यक्ष रामेश्वर बुरड़क, जयपुर युवा अध्यक्ष सुखदेव महरिया, जितेंद्र चौधरी, हनुमान जाट प्रसाद,आदि।

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