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राजस्थान गहलोत राज में ये कैसी पुलिस? इस हैरान करने वाली कार्यशैली का हुआ ‘खुलासा..!!

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जयपुर: राजस्थान गहलोत राज में ये कैसी पुलिस? इस हैरान करने वाली कार्यशैली का हुआ ‘खुलासा..!!

जयपुर/ राजस्थान पुलिस अपराधियों को पकड़ने में कितनी गंभीर है, इसकी हकीकत लंबित प्रकरणों को खंगालने के दौरान सामने आई है। दो प्रकरण ऐसे आए हैं, जिनमें अपराधी आंखों के सामने होते हुए भी पुलिस उसे पकड़ नहीं सकी। वहीं एक अन्य मामले में तो अपराधी विदेश भाग गए और 34 साल बाद पुलिस को केस ही बंद करना पड़ा।

पुलिस मुख्यालय की सीआईडी ने सभी थाना पुलिस से मादक पदार्थ तस्करी के वर्ष 2011 से पहले के लंबित प्रकरणों की सूची मंगवाई तो इस तरह के चौंकाने वाले कई मामले सामने आए। वर्ष 1989 से लेकर वर्ष 2011 तक 81 प्रकरण लंबित थे। कुछ प्रकरण तो पुलिस की थोड़ी सी मेहनत से ही निपट जाते।

पीएचक्यू के निर्देश के बाद पंजाब, मध्यप्रदेश व राजस्थान के तस्करों की पहचान कर गिरफ्तार किया गया। इसके चलते गत 6 माह में 45 मामलों का निस्तारण किया जा चुका है। जयपुर में भी वर्ष 2002, 2006 और 2010 से दर्ज प्रकरणों का निस्तारण किया गया।

केस 1 : जेल में बंद तस्कर नहीं पकड़ा:

पाली जिले की सेंदड़ा थाना पुलिस को वर्ष 2011 में बरामद 3 किलो 500 ग्राम अफीम के मामले में एमपी पिपलिया मंडी निवासी धर्मेन्द्र सिंह उर्फ डिगसा की तलाश है। 12 वर्ष से मामला लंबित है। सीआईडी की जांच में पता चला कि आरोपी पाली जिले के दूसरे थाने में करीब 10 वर्ष पहले एक अन्य केस में गिरफ्तार हुआ और 10 वर्ष तक जेल में बंद रहा। लेकिन सेंदड़ा थाना पुलिस 10 वर्ष तक जेल में बंद रहने के दौरान आरोपी को नहीं पकड़ सकी। आरोपी वर्ष 2021 में जमानत पर छूट गया। पुलिस मुख्यालय ने लंबित प्रकरण के निस्तारण के निर्देश दिए तो अब थाना पुलिस आरोपी को पकड़ने के लिए दौड़ कर रही है।

केस 2 : पाकिस्तान से लाए थे चरस:

जोधपुर पुलिस ने 9 नवम्बर, 1989 को एक गोदाम पर दबिश देकर पाकिस्तान से लाई गई 1098 किलो चरस बरामद की। पुलिस ने स्थानीय पांच तस्करों को गिरफ्तार किया। पर जोधपुर तक चरस लाने वाला पाकिस्तान के कराची निवासी खुशरंग उर्फ पठान व मॉरिशस निवासी जॉर्ज बचकर भाग गए। जोधपुर पुलिस न कराची जा सकी और न मॉरिशस। दोनों आरोपी जिंदा हैं या मर गए, इसकी भी कोई जानकारी नहीं। 34 वर्ष बाद दोनों तस्करों की जानकारी नहीं होने पर सीआईडी के निर्देश पर जोधपुर पुलिस ने न्यायालय से दोनों के विदेशी होने पर नहीं पकड़े जाने की अर्जी लगाकर प्रकरण को अब बंद किया।

इस वर्ष मई तक 1770 मामले लंबित:

राजस्थान में गत वर्ष जनवरी से मई तक की तुलना में इस वर्ष जनवरी से मई तक मादक पदार्थ तस्करी के मामले बढ़े हैं। पुलिस मुख्यालय से जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022 में मई तक 1908 प्रकरण दर्ज हुए थे। जबकि इस वर्ष इतनी ही अवधि में 2189 प्रकरण दर्ज हुए। इस वर्ष दर्ज प्रकरणों में पुलिस ने 417 प्रकरणों में चालान पेश किया, जबकि दो प्रकरणों में एफआर लगा दी।

फिलहाल अभी 1770 प्रकरण लंबित हैं, जिनका अनुसंधान किया जा रहा है। वहीं गत वर्ष केवल मई माह में 234 मादक पदार्थ तस्करी के मामले दर्ज हुए थे, जबकि इस वर्ष मई माह में 410 प्रकरण दर्ज हुए।

अभियान चलाकर कर रहे धरपकड़:

मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ विशेष अभियान चला रखा है। पुराने लंबित मामलों के निस्तारण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। साथ में वांटेड तस्करों की धरपकड़ की जा रही है। -दिनेश एमएन, एडीजी (अपराध) राजस्थान.

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