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क्या पुष्कर के मौजूदा विधायक सुरेश रावत कोअपने ही लोगों द्वारा अभिमन्यु की तरह घेरने का षड्यंत्र रचा जा रहा है,,,,,,???

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क्या पुष्कर के मौजूदा विधायक सुरेश रावत कोअपने ही लोगों द्वारा अभिमन्यु की तरह घेरने का षड्यंत्र रचा जा रहा है,,,,,,???

आखिर यह पोस्टर क्या कहता है,,,

क्या कोई ताकतवर चुनौती पेश हो पाएगी सुरेश रावत के सामने

अजमेर,पुष्कर,,16 अगस्त 2023, जैसे-जैसे राजस्थान विधानसभा चुनावों के दिन नजदीक आते जा रहे हैं वैसे ही हर एक विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक दलों की, नेताओं की सरगर्मियां तेज होती जा रही है। इसी क्रम में पुष्कर विधानसभा क्षेत्र में भी अनेक दावेदारों ने विशेष कर रावत समाज से जुड़े दावेदारों ने बारात निकालना आरंभ कर दिया है।यदि पुष्कर विधानसभा क्षेत्र से रावत समाज के दावेदारों की गिनती की जाए तो शायद आपके हाथों की उंगलियां कम पड़ सकती है ऐसे में अनेक दावेदारों के कारण रावत समाज से भारतीय जनता पार्टी विधायक का टिकट भी छीन सकती है।
पुष्कर विधानसभा क्षेत्र से दावेदारों में प्रमुख रूप से पुष्कर के कपालेश्वर मंदिर के महंत सेवानंद गिरी महाराज, पीसांगन के पूर्व प्रधान अशोक सिंह रावत, मदन सिंह रावत , अर्जुन पूरा सरपंच ,शक्ति सिंह रावत शैतान सिंह रावत,के अलावा और भी कई गंभीर और मजाकिया अंदाज में दावेदारी करने वाले दावेदारों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है।
इसी क्रम में इन दिनों एक पोस्टर पूरे पुष्कर विधानसभा क्षेत्र के साथ-साथ अजमेर जिले की भारतीय जनता पार्टी की राजनीति और रावत समाज में जबरदस्त रूप से चर्चा का विषय बना हुआ है जिसके अंतर्गत चार दावेदारों महंत सेवानंद गिरी महाराज ,शैतान सिंह रावत, अशोक सिंह रावत, और मदन सिंह रावत के द्वारा सम्मिलित रूप से एक पोस्टर पुष्कर विधानसभा क्षेत्र में जगह जगह लगाया गया है जिसका मुख्य स्लोगन या नारा यह है कि जनता की मजबूरी है बदलाव जरूरी है यह एक तरह से कटाक्ष के रूप में देखा जा रहा है। वही रावत समाज में यह मौजूदा विधायक सुरेश सिंह रावत के खिलाफ अन्य दूसरे दावेदारों की गोलबंदी या अभिमन्यु की तरह घेरने के षड्यंत्र के रूप में भी देखा जा रहा है ,गौरतलब है कि विधायकी का टिकट मांगने वाले चार,चार दावेदारों का एक साथ एक मंच पर एक पोस्टर में नजर आना कुछ तो बयां करता है, क्या यह मौजूदा विधायक सुरेश सिंह रावत को चुनावी महासमर में , राजस्थान के चुनावी महासमर में अभिमन्यु की तरह घेरने का प्रयास माना जाए या फिर कुछ ,और यह तो भविष्य के गर्त में छुपा है वही दावेदारों की लंबी होती फेहरिस्त से बेफिक्र सुरेश सिंह रावत का यह कहना है कि” लोकतंत्र है प्रजातंत्र है यहां प्रत्येक कार्यकर्ता का अधिकार बनता है दावेदारी पेश करने का इन्हीं में से अनेक दावेदारों द्वारा 2008, 2013 और 2018 के विधानसभा चुनावों में भी दावेदारियां इसी तरह से पेश की गई थी लेकिन टिकट देना आलाकमान के आकलन पर निर्भर करता है और भारतीय जनता पार्टी के आलाकमान के आकलन में पिछले दो बार से में फिट बैठता आ रहा हूं, और इस बार भी पुष्कर विधानसभा क्षेत्र में जो विकास की गंगा मेरे द्वारा बनाई गई है उसका आकलन भी करवा लिया जाए तो किसी भी प्रकार के संशय की दीवार स्वयं ही ध्वस्त हो जाएगी”।
गौरतलब है कि पुष्कर विधानसभा क्षेत्र में सुरेश सिंह रावत ने विकास कार्यों एवं जनता से जुड़ाव के माध्यम से अपनी जो एक साफ-सुथरी छवि बनाई है वह न केवल रावत समाज में ही बल्कि अन्य समाजों में भी गहरी पैठ जुड़ाव, की परिचायक है और सुरेश रावत ने अन्य समाजों को भी पूरी शिद्दत के साथ तवज्जो दी है , और उनके कार्यों को समान रूप से विकास की यात्रा में शामिल किया है।
हालांकि सुरेश रावत का यह कहना बिल्कुल सही है कि लोकतंत्र हैं यहां सभी राजनीतिक दलों के प्रत्येक कार्यकर्ता का हक और अधिकार बनता है कि वह पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा के साथ किए गए कार्यों की एवज में किसी भी प्रकार के टिकट की अथवा पद की दावेदारी करने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होता है और यह उसका व्यक्तिगत एवं बेहद निजी मामला होता है परंतु एक साथ चार,चार दावेदारों द्वारा एक ही प्रकार का पोस्टर पूरे विधानसभा क्षेत्र में लगाया जाना मौजूदा विधायक सुरेश रावत के खिलाफ किसी ना किसी प्रकार का षड्यंत्र के रूप में देखा जा रहा है जोकि पुष्कर की भारतीय जनता पार्टी की आने वाले समय की राजनीति के लिए बेहद घातक सिद्ध हो सकता है और उससे कहीं ज्यादा घातक यह रावत समाज के लिए होगा क्योंकि जिस समाज से जितने ज्यादा दावेदार सामने आएंगे बहुत संभव है कि भारतीय जनता पार्टी उस समाज को ही टिकट की दावेदारी से दरकिनारे कर दे।
पुष्कर विधानसभा क्षेत्र मेंभारतीय जनता पार्टी की टिकट के दावेदारों को लेकर क्या रणनीति रहती है क्या क्राइटेरिया रहता है और क्या प्रोसेसिंग रहेगी टिकट वितरण की यह एक अलग विषय हो सकता है परंतु सुरेश सिंह रावत जो कि मौजूदा विधायक है का कहना है कि मैं भारतीय जनता पार्टी के चाल चरित्र और आदर्शों पर चलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एवं भारतीय जनता पार्टी आलाकमान के द्वारा समय-समय पर दिए गए दिशा निर्देशों की अनुपालन करते हुए अपने क्षेत्र में विकास की जो गंगा बहाई है उसके लिए मैं स्वयं दावेदारी करने का सबसे पहले हकदार बनता हूं, बाकी भारतीय जनता पार्टी आलाकमान पर निर्भर है कि वह किसे टिकट देना चाहती है।
मेरे विधानसभा क्षेत्र में विकास की जो इबारत लिखी गई है उसकी फेहरिस्त मेरे कार्यालय पर हमेशा मौजूद रहती है इसके अलावा भी यदि कोई शक , शुभा या संशय की गुंजाइश रह जाती है तो मुझसे संपर्क किया जा सकता है मैं हमेशा अपने क्षेत्र के कार्यकर्ताओं पदाधिकारियों एवं जनता से जुड़ाव के लिए सदैव तत्पर रहता हूं। और हां अंत में मैं अन्य टिकट के दावेदारों से भी यही कहना चाहूंगा कि बेशक पुरजोर तरीके से अपनी पूरी ताकत से दावेदारी प्रस्तुत करें पार्टी के समक्ष चाहे वह किसी भी राजनीतिक दल से हो परंतु टिकट के लिए षड्यंत्र नहीं किया जाना चाहिए और ना ही समाज को बांटने का प्रयास किया जाना चाहिए क्योंकि टिकट दावेदारी के समय किया गया षड्यंत्र समाज में बेहद लंबे समय तक याद किया जाता है जो कि समाज के लिए भी बेहद घातक साबित होता है।

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