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निगम आयुक्त पर लगाया 5 हजार रु जुर्मानाराज्य सूचना आयोग के आदेश की नहीं की थी पालना

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निगम आयुक्त पर लगाया 5 हजार रु जुर्माना
राज्य सूचना आयोग के आदेश की नहीं की थी पालना, मूल अपील में लगा था 20 हजार का जुर्माना, फिर भी नहीं दी सूचना तो पुनः लगा 5 हजार का जुर्माना… राज्य सूचना आयोग के आदेश की पालना नहीं करना नगर निगम आयुक्त को भारी पड़ गया। आयोग द्वारा अपील में पारित निर्णय की पालना नहीं करने पर पेश परिवाद के निस्तारण में निगम आयुक्त पर ₹5000 का जुर्माना अधिरोपित किया है। मामले के अनुसार तोपदड़ा निवासी एडवोकेट तरुण अग्रवाल ने नगर निगम में सूचना के अधिकार के अंतर्गत एक आवेदन पेश कर हमारा अधिकार संस्थान द्वारा 11 मार्च 2018 को अतिक्रमण के संबंध में की गई शिकायत पर निगम द्वारा की गई कार्यवाही की पत्रावली चाही थी। निगम के लोक सूचना अधिकारी द्वारा निर्धारित समय अवधि में सूचना नहीं देने पर अग्रवाल द्वारा प्रथम अपील महापौर को प्रस्तुत की। इस अपील पर महापौर द्वारा सुनवाई कर निगम आयुक्त को सूचना देने के आदेश किए इसके बावजूद सूचना नहीं मिलने पर अग्रवाल ने राजस्थान सूचना आयोग में द्वितीय अपील पेश की। सूचना आयुक्त ने 2 मार्च 2021 को अपील के निस्तारण में निगम के लोक सूचना अधिकारी एवं आयुक्त पर ₹20000 का जुर्माना लगाते हुए 15 दिवस में सूचना उपलब्ध कराने के आदेश दिए थे।
अग्रवाल ने बताया कि सूचना आयोग के आदेश के बावजूद निगम के लोक सूचना अधिकारी द्वारा सूचनाओं उपलब्ध नहीं कराई गई तब व्यथित होकर आयोग में परिवाद दर्ज करवाया। आयोग ने परिवाद दर्ज कर निगम आयुक्त को आदेशों की पालना हेतु नोटिस जारी किए जिसके जवाब में निगम आयुक्त ने बताया कि हमारा अधिकार संस्थान का 11 मार्च 2018 का शिकायती पत्र नहीं मिलने से सूचना उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है। सूचना आयुक्त निगम के इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त को घोर लापरवाही का दोषी मानते हुए ₹5000 का जुर्माना अधिरोपित किया। यह लिखा आदेश में—
सूचना आयुक्त लक्ष्मण सिंह ने परिवाद के निस्तारण में लिखा कि पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों से यह स्पष्ट है कि प्रत्यार्थी द्वारा निर्णय दिनांक 2 मार्च 2021 की पालना में अक्षरश: कार्यवाही नहीं कर घोर लापरवाही बरती है। अतः मैं प्रत्यर्थी को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20 के अंतर्गत दोषी पाता हूं एवं तत्कालीन दोषी प्रत्यर्थी पर राशि रुपए 5000 मात्र की शास्ति अधिरोपित करता हूं। यह राशि जारी डिमांड ड्राफ्ट आदेश प्राप्ति के 21 दिवस में भिजवाना सुनिश्चित करेंगे।

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