ईआरसीपी को नदी जोड़ो प्रोजेक्ट से लिंक की तैयारी:नए मॉडल में 90 फीसदी पैसा केंद्र देगा, जलशक्ति मंत्रालय में ड्राफ्ट एमओयू पर मंथन
जयपुर
ERCP के तहत बन रहा नवनैरा बैराज (फाइल फोटो)
प्रदेश में लंबे समय से चले आ रहे पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना बनाने का काम शुरू हो रहा है। केंद्र सरकार ने इसके नए मॉडल पर काम कर रही है। इस नए मॉडल के तहत ईआरसीपी को अब नदी जोड़ो प्रोजेक्ट में शामिल करके आगे बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। इस मॉडल से ईआरसीपी को एक तरह से राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा मिल जाएगा और 90 फीसदी पैसा केंद्र सरकार का लगेगा।
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ईआरसीपी को नदी जोड़ो प्रोजक्ट के जरिए आगे बढ़ाने की पुष्टि की है। ड्राफ्ट एमओयू पर चर्चा के बाद राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच सहमति बन सकती है। ईआरसीपी को नदी जोड़ो प्रोजेक्ट के मॉडल पर राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने को लेकर बुधवार को दिल्ली में जलशक्ति मंत्रालय में अहम बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में राजस्थान और मध्यप्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हो रहे हैं। आज की बैठक में ईआरसीपी के संशोधित ड्राफ्ट एमओयू पर विचार होगा।
नदी जोड़ो प्रोजेक्ट में ईआरसीपी को आगे बढ़ाया तो 90 प्रतिशत पैसा केंद्र देगा
ईआरसीपी 45000 करोड़ का प्रोजेक्ट है। इसे नदी जोड़ो प्रोजेक्ट के तहत आगे बढ़ाया गया तो 90 फीसदी पैसा केंद्र सरकार खर्च करेगी, राज्य सरकार को केवल 10 फीसदी पैसा ही देना होगा, जो केवल 4500 करोड़ रुपए बनता है। ईआरसीपी से 13 जिलों को पीने और सिंचाई का पानी मिलेगा। करीब दो लाख हैक्टेयर में सिंचाई होगी।
ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग को लेकर कांग्रेस बीजेपी के बीच खूब सियासी वार पलटवार होता रहा है। पिछले पांच साल कांग्रेस राज में तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत ने कई बार केंद्र को लेटर लिखे। इस बीच गहलोत सरकार ने अपने स्तर पर ईआरसीपी का काम पूरा करने का फैसला करते हुए इसके लिए अलग से बजट रखा। पीएम मोदी ने पिछले विधानसभा चुनाव में ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने पर सहानुभूति से विचार करने का आश्वासन दिया था।
ये वे विधानसभा है जो ईआरसीपी के दायरे में आएंगे। इनमें से 11 विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी का दबदबा है।
ये वे विधानसभा है जो ईआरसीपी के दायरे में आएंगे। इनमें से 11 विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी का दबदबा है।
शेखावत ने किया था वादा- सीटें जितवा दीजिए ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा ले लेना
केंंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने विधानसभा चुनावों से पहले पूर्वी राजस्थान के दौरे के समय कहा था कि बीजेपी का राज ला दीजिए, ईआरसीपी ले लेना। इसे उनके वादे के तौर पर देखा गया था। उस वक्त इस बयान पर सियासी विवाद भी हुआ था। अब राज्य में बीजेपी की सरकार बन चुकी है, इसलिए माना जा रहा है कि ईआरसीपी पर तेजी से काम आगे बढ़ेगा।
ईआरसीपी पर कांग्रेस राज में ही बांध—बैराज का काम जारी
ईआरसीपी पर कांग्रेस राज में करीब 1600 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं। ईआरसीपी के तहत नवनेरा बैराज का काम चल रहा है जिस पर 904 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं, इसका 85 फीसदी काम पूरा हो चुका है। ईसरदा बांध का काम 75 प्रतिशत पूरा कर 672 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना निगम का गठन किया जा चुका है। 13 जिलों में इस प्रोजेक्ट के तहत छोटे बांध बनाए जाएंगे।
ईआरसीपी में 11 नदियों को आपस में जोड़ा जाना है। इसमें छह बैराज और एक बांध बनाया जाना है। कोटा जिले की पीपलदा तहसील में नवनेरा बैराज का काम चल रहा है। बारां जिले की शाहबाद तहसील में कुन्नू नदी पर कुन्नू बैराज, कूल नदी पर रामगढ़ बैराज, मांगरौल तहसील में पार्वती नदी पर महलपुर बैराज, बूंदी जिले की इंद्रगढ़ तहसील में मेज नदी पर मेज बैराज, सवाई माधोपुर जिले की चौथ का बरवाड़ा तहसील में बनास नदी पर राठौड़ बैराज बनाए जाने हैं।
ईआरसीपी वाले 13 जिलों की 83 सीटों में से बीजेपी ने 50 सीटें जीती थीं, अब 9 लोकसभा सीटों को मजबूत करने का प्रयास
ईआरसीपी वाले 13 जिलों में 83 विधानसभा सीटें और 9 लोकसभा सीट आती हैं। विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 83 में से 50 सीट जीती थीं। अब बीजेपी लोकसभा चुनाव में ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देकर अपनी सियासी पॉजिशन मजबूत करना चाहती है। लोकसभा चुनाव से पहले अगर इस पर फैसला होता है तो 13 जिलों के लोग इससे खुश होंगे।
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