नई दिल्ली: अब इस राज्य में बैन हुआ सिगरेट-शराब और गुटखा, जानें सरकार ने क्यों लिया ये बड़ा फैसला
नई दिल्ली: कर्नाटक सरकार ने मंगलवार 3 सितंबर को एक बड़ा फैसला लिया। मैसूर के चामुंडी हिल्स में धूम्रपान, शराब पीने और गुटखा पर प्रतिबंध लगाया गया है। चामुंडी हिल्स में चामुंडेश्वरी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (CKDA) की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, ‘हमने प्रसादम (भोजन) वितरित करने, प्लास्टिक प्रतिबंध लागू करने और सुरक्षा बढ़ाने के लिए चामुंडी हिल्स में विभिन्न स्थानों पर CCTV कैमरे लगाने की योजना बनाई है।’ सीएम सिद्धारमैया ने इसकी घोषणा करते हुए बताया कि चामुंडी दर्शन के दौरान मोबाइल के इस्तेमाल पर भी रोक लगाई गई है।
सेफ्टी के लिए टास्क फोर्स गठित:
CM ने आगे बताया कि इस प्राधिकरण का गठन चामुंडी हिल्स की देखरेख, भक्तों की सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित करने और क्षेत्र में क्राइम रोकने के लिए ही किया गया है। यहां आने वाले लोगों खासकर दशहरा के दौरान आने वाले भक्तों की सेफ्टी के लिए और उन्हें एक बेहतरीन अनुभव सुनिश्चित करने के लिए एक टास्क फोर्स की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि मंदिर के अंदर चामुंडी हिल्स वालें एरिया में फोटोग्राफी भी बैन होगी। इसके साथ ही दर्शन के दौरान मोबाइल फोन ऑफ कराए जाएंगे।
कई मंदिरों का होगा विकास:
सीएम सिद्धारमैया ने बताया कि चामुंडी पहाड़ी और यहां के मंदिर के अलावा आसपास 24 और मंदिर हैं। उन मंदिरों का भी विकास मुख्य मंदिर के साथ होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि चामुंडी हिल्स को और अधिक आकर्षक बनाना और सभी सुविधाएं प्रदान करना हमारा लक्ष्य है। हालांकि,उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यहां कोई ड्रेस कोड नहीं होगा। किसी भी जाति, धर्म और लिंग के लोग मंदिर में आ सकते हैं।
मंदिरों के पैसे का इस्तेमाल हिंदू मंदिरों के लिए नहीं करना चाहिए:
इन सबके बीच पूर्व राजपरिवार ने CKDA की बैठक का विरोध किया, क्योंकि सीकेडीए के गठन पर अदालत में सुनवाई चल रही है। मैसूर-कोडागु भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद यदुवीर वोडेयार ने कहा, “प्राधिकरण की बैठक को लेकर अदालती आदेश के बावजूद, CM के नेतृत्व में चामुंडेश्वरी निर्वाचन क्षेत्र विकास प्राधिकरण की पहली बैठक हुई, जो नहीं होनी चाहिए थी। बैठक आयोजित करना अदालत के आदेश का उल्लंघन है और वे आने वाले दिनों में कानूनी लड़ाई लड़ते रहेंगे। यदुवीर वोडेयार ने कहा, ‘सरकार को धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। मंदिरों के पैसे का इस्तेमाल मंदिरों, खासकर हिंदू मंदिरों के लिए नहीं किया जा रहा है।’
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