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यह इलायची बाई का शहर है,,, हिजड़ों की हवेली भी है यहां,, जिसकी पूंछ उठाओगे वह मादा ही मिलेगी???? नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के ताजा तरीन फैसले के संदर्भ में।

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यह इलायची बाई का शहर है,,, हिजड़ों की हवेली भी है यहां,, जिसकी पूंछ उठाओगे वह मादा ही मिलेगी???? नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के ताजा तरीन फैसले के संदर्भ में।
अजमेर,7 अगस्त,2023, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के ताजा तरीन फैसले ने अजमेर शहर वासियों को शायद खुशखबरी देने जैसा काम किया हो जिस पर पूर्व पार्षद एवं एक बेहतरीन अधिवक्ता के रूप में जाने जाने वाले मलिक साहब की अतः मेहनत रंग लाई है। परंतु मलिक साहब जैसे समझदार और सुलझे हुए अधिवक्ता को शायद यह जानकारी ना हो कि यह इलायची बाई का शहर है,,,, यहां हिजड़ों की हवेली भी है,,,, और तो और यहां जिसकी पूंछ उठाओगे फिर चाहे वह धुरंधर तीस मार खान नौकरशाह हो या कोई बहुत बड़ा बिजनेसमैन और या फिर हर गली नुक्कड़ मोहल्ले और चौराहे पर मिलने वाला अपने आप को जनप्रतिनिधि होने का दंभ भरने वाला, दावा करने वाला नेता ही क्यों ना हो मादा ही मिलेगा,,, क्योंकि मर्दों ने इस शहर से पृथ्वीराज चौहान के जमाने से ही पनाह मांग ली थी जहां हिजड़ों की हवेली बन जाए वहां मर्दों का क्या काम और उसी ना मर्दानगी को यह शहर सदियों से झेलता आ रहा है कल का सम्राट समाचार पत्र का यह संपादकीय लेख चुनौती देता है ,,चैलेंज करता है की नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के फैसले को अमल में लाना इस शहर के किसी मर्दानी जिस्म की हिकमत और हिकारत में नहीं है ,,,ऐसा कोई मर्द का बच्चा इस शहर में नहीं है जो नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी राष्ट्रीय हरित अभिकरण के इस फैसले को अमल में लाने के लिए कोई क्रांतिकारी कदम उठा दे। यह वैसे भी संभव नहीं है नहीं हो पाएगा गुड्डन तुमसे ना हो पाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों के भारत की 100 स्मार्ट सिटी में शामिल होने का गौरव प्राप्त करने वाला अजमेर शहर जिसके शासकीय प्रमुख करिंदों ने आना सागर की झील के किनारे आना सागर के भराव क्षेत्र में जो सात अजूबे लगभग 50 करोड रुपए की लागत से खड़े किए हैं जिसके अंतर्गत तमाम नौकरशा हो,, नेताओं,, विधायकों,, सांसदों,, पार्षदों यहां तक की चंगलूं,,, मंगलू टाइप के उंगली करने वाले छोटे भैया नेताओं तक की मौज इसके अंतर्गत हुई है और तो और कई तथा कथित मीडिया जगत से जुड़े लोगों ने दुबई और हांगकांग सिंगापुर जैसे शहरों की यात्रा भी कर ली है तब आप ही अंदाजा लगा सकते हैं की नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का फैसला किस कब्र में दफन होगा।

सेष अगले अंक में,,,,आपके कॉमेंट्स ओर सुझावों के बेख्याली इंतेज़ार में,,,,,

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