सीकर
3 साल से घर जमाई रह रहे युवक ने शुक्रवार को सुसाइड कर लिया। युवक खेत में पेड़ पर फंदे से लटका मिला। मरने से पहले युवक ने सुसाइड नोट लिखा, जिसमें सास-ससुर और साली को मौत का जिम्मेदार बताया। घर में नौकरों की तरह हर काम करवाकर परेशान करने आरोप भी लगाया है। मामला सीकर के उद्योग नगर इलाके के गांव गोकुलपुरा का है।
पुलिस ने बताया कि मूलचंद बिजारणियां (26) सीकर के ही मंडावरा गांव का रहने वाला था। उसके गांव से 8 किमी दूर गोकुलपुरा गांव में उसका ससुराल था। युवक ने मरने से पहले रात करीब 2 बजे परिवार और रिश्तेदारों को वॉट्सऐप पर सुसाइड नोट भेजा। शुक्रवार सुबह घर में नहीं मिलने पर ससुराल वालों ने तलाश की। वह खेत में लटका मिला। सुबह परिवार वाले सुसाइड नोट देखकर और ससुराल से सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे। युवक की जेब से भी सुसाइड नोट मिला।
भाई का आरोप- ससुराल वाले 3 साल से कर रहे थे परेशान
युवक के मौसेरे भाई देवीलाल ने बताया कि 2 मार्च 2020 में मूलचंद की शादी हुई थी। शादी के बाद से वह घर जमाई बनकर रह रहा था। 3 साल से उसे ससुराल वाले परेशान कर रहे थे। उसके पिता मदन लाल की मौत हो चुकी है। बड़ा भाई बंशीलाल निजी कंपनी में मैकेनिक है। छोटा भाई हेमराज खेती करता है।
मूलचंद खुद 12वीं पास था। जिसके मामा ने शादी करवाई थी। परिजनों का आरोप है कि जिस लड़की से उसकी शादी हुई वह भी मानसिक रूप से कमजोर थी। परिवार ने जल्द से जल्द दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग की है।।
पूरा सुसाइड नोट
मैं मूलचंद बिजारणियां पूरे होश हवाश में लिख रहा हूं कि मेरी मौत का जिम्मेदार मेरे ससुर साबूलाल,सास प्रेमलता और साली सुप्रिया है। तीनों 3 साल से मेरे को और मेरे परिवार को पत्नी दीपू के लिए सोने की हमेल बनवाने के लिए कह रहे हैं। कहते है-सगाई और शादी में दिए रुपए दीपू के नाम एफडी करवाओ।
मैं यहां शादी के बाद से ही रह रहा हूं। मेरे को घर जमाई नहीं नौकर बनाकर रखा गया है। तब से उनके घर में रोटी,सब्जी,झाड़ू,पोंछा,बर्तन, टॉयलेट साफ करना, गोबर डालना,सुबह-शाम खाना बनाना, चूल्हे के लिए लकड़ी लाना, खाने के लिए गेहूं साफ करना, रात को उन्हें चक्की से पिसना। सुबह-शाम दीपू को घुमाने का काम कर रहा हूं। फिर भी यह लोग मेरे को चैन से नहीं रहने दे रहे हैं।
साबूलाल मेरे घर जाकर कहकर आए हैं कि दीपू के लिए सोने की हमेल तो बनवाकर देनी पड़ेगी। नहीं तो आप लोगों पर ऐसा मुकदमा लगाऊंगा कि 7 पीढ़ी तक समझ में नहीं आएगा।
3 साल से डिप्रेशन में हूं
पिछले 3 साल से मैं डिप्रेशन में हूं और आज मैं यह कदम उठा रहा हूं। सिर्फ सास-ससुर और साली की वजह से किया है। मेरी मौत के जिम्मेदार यह तीनों ही है। इन तीनों ने ही मारा है मेरे को। 3 साल में मेरे ससुर ने मेरे को एक रुपया तक खर्च के लिए नहीं दिया। खर्च के रुपए भी मैंने अपनी मां संतोष और भाई बंशी से लिया है। मेरे भाई हेमराज और बहन की शादी में सिर्फ दो ड्रेस सिलवाकर दी थी।
बहन और हेमराज मेरे से छोटे हैं तो उनकी शादी में मेरे को एक रुपए तक नहीं दिया। इस दौरान भी पैसे मैंने अपनी मां से लिए। फिर मेरा यहां गोकुलपुरा में रहने का क्या फायदा। सारा खर्चा तो मैं अपने घरवालों से ले रहा हूं। काम यहां गोकुलपुरा में कर रहा हूं। शादी के एक साल बाद गोदनामा की बात की थी जो मेरे ससुर ने अभी तक नहीं किया। कहा कि- नहीं करूंगा। मूलचंद को तो यहां इसी तरह काम करना पड़ेगा।
6 महीने तक मजदूर की तरह रखा
ससुर ने कहा कि मैं इतना पावरफुल हूं कि एक ऐसा मुकदमा लगाऊंगा कि आपकी सारी-जमीन जायदाद बिक जाएगी, फिर भी समझ में नहीं आएगा। अभी संडे को मेरे मम्मी-पापा और भाई आए थे। उस दौरान भी ससुराल वालों ने यही कहा कि आप लोग सोने की हमेल और शादी में जो रुपए दिए उनकी एफडी दीपू के नाम करवा कर दो।
उनके घर पर मकान और पानी का हौद बनवाया था। एक साल पहले तुम मेरे को 6 महीने तक एक मजदूर की तरह रखा। एक दिन भी अपने गांव नहीं जाने दिया। दिन में सुबह काम करने जाता और शाम को 4 बजे कॉल आ जाता कि- आ जाओ मूल जी दूध का टाइम हो गया है।
ससुर केवल पैसों को महत्व देता
मेरे ससुर ने केवल पैसों को महत्व दिया है। यदि रिश्तों को महत्व दिया होता तो आज मैं यह कदम नहीं उठाता। अगर मैं यहां उनकी संपत्ति के लिए आया होता तो आज यह कदम थोड़ी उठाता। मेरे ससुर के अपने परिवार वालों, ससुराल वालों और साली के ससुराल वालों से भी बोलचाल बंद है, सबसे झगड़ा कर रखा है। आस-पड़ोस से भी झगड़ा कर रखा है। पत्नी के ननिहाल वालों से सास जमीन ले रही है। अपने हिस्से की खुद की जमीन थी। साबूलाल ने तो अपने नाम कर रखी है। बहनों से साइन भी करवा लिया। आज खुद की बहनों से बात तक नहीं करता है।
अपनी मां और भाई-बहन से मांगी माफी
युवक ने सुसाइड नोट में अपनी मां (संतोष), बहन-भाई से भी माफी मांगी। अपने परिवार के लिए लिखा कि- मेरे को माफ कर देना। मैं यह कदम नहीं उठाना चाहता था, पर इन लोगों ने मेरे को मजबूर कर दिया है। अगर यह कदम नहीं उठाता तो जिंदगी भर यह तीनों मेरे को ऐसे ही परेशान करते बंशी,हेमराज,बहन त्रिवेणी हो सके तो मेरे को माफ कर देना और सभी का ख्याल रखना। मेरी मौत का जिम्मेदार ससुर, सास और साली है। साली सारी जमीन जायदाद अपने बेटे के नाम करवाना चाहती है, इसलिए इन तीनों ने मिलकर मेरे को परेशान किया है और मेरे को मारा है।
सास-ससुर और साली के खिलाफ मामला दर्ज
मामले में आरपीएस ( प्रशिक्षु) अनुज डाल का कहना है कि युवक के भाई बंशीलाल ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है। जिस पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
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