शिकायत तो बहुत हैं लेकिन,,,,,, वक्त चुप रहना सिखा रहा है
कांग्रेस की एकजुटता में ही छिपी रामचन्द्र चौधरी की सफलता
आखिऱकार अजमेर कांग्रेस ने अपना प्रधान चुनाव कार्यालय पटेल मैदान के पास राजहंस वाटिका में दो अप्रैल मंगलवार को लोकसभा चुनाव से 24 दिन पहले खोल लिया। पहले दो अप्रैल को कांग्रेस प्रत्याशी रामचन्द्र चौधरी को अपना नामांकन दाखिल करना निर्धारित किया गया था लेकिन ना जाने क्यों नामांकन दाखिल करवाने में जल्दी की कि 29 मार्च को ही नामांकन दाखिल करवा दिया गया। कार्यालय केे उद्घाटन समारोह में अजमेर जिले के सभी बड़े चेहरे एक मंच पर एकजुट होने का प्रदर्शन करते नज़र आए। रामचन्द्र चौधरी के चेहरे पर भी खुशी और संतोष दिखाई दिया। पांच दिन पहले जो फीकापन नामांकन सभा में था वो मंगलवार को कांग्रेस कार्यालय उद्घाटन समारोह में रंगत में बदल गया। भीड़ भी अपेक्षित रही। बावजूद अच्छे माहौल के, मन में दबी कसक बनाम पीड़ा को कुछ कांग्रेस नेताओं ने अपने संबोधन में सार्वजनिक किया जिससे एक दो बार मंच पर कसमसाहट भी हुई लेकिन अवसर इसकी इजाज़त नहीं दे रहा था कि मंच पर ही जवाबे शिकवा पेश किया जाए। इसकी शुरुआत नसीम अख्तर ने अपने संबोधन से की जब उन्होने उपस्थित भीड़ को कहा कि वे ध्यान रखे कि कौन कांग्रेस को हराने का काम करता है, पार्टी का साथ छोड़ जाता है। हम तो शुरु से कांग्रेस में हैं और आगे भी जुड़े रहेंगे, कांग्रेस हमारी मां है। नसीम अख्तर का सीधा निशाना डॉ श्रीगोपाल बाहेती और वाजिद अली चीता पर था जिन्होने कांग्रेस से बगावत कर विधानसभा चुनाव लड़ा और इतने वोट हासिल किए कि कांग्रेस चुनाव हार गई। अजमेर उत्तर से प्रत्याशी रहे महेन्द्र सिंह रलावता ने भी डॉ श्रीगोपाल बाहेती को अप्रत्यक्ष रुप से निशाना साधा और कहा कि मैं चार हजार वोटों से हारा, डॉ बाहेती साथ आ गए हैं तो अजमेर उत्तर से कांग्रेस को अब सफलता मिल जाएगी। नसीराबाद से प्रकाश गुर्जर ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हे सभा की सूचना तक नहीं दी जाती, यदि उन्हे सूचना मिले तो वो बड़ी सभा करा दें। नेताओं की नाराज़गी भरे संबोधन को संभालते हुए रघु शर्मा और धर्मेन्द्र राठौड़ ने कहा कि परिवार से थोड़ी बहुत नाराजगी चलती रहती है और यही तो पार्टी का लोकतंत्र है, अब सब एक मंच पर एकजुट हो गए हैं, अब सभी को रामचन्द्र चौधरी को विजयी बनाने में जुट जाना है। किशनगढ़ विधायक विकास चौधरी ने भी कांग्रेस को लोकतांत्रिक पार्टी बताते हुए भाजपा से बेहतर पार्टी बताया। कुल मिलाकर कांग्रेस का चुनावी प्रधान कार्यालय पर आयोजित समारोह, पुरानी फिल्मों के अंत में दिखाए जाने वाले दृश्य की तरह रहा जिसमें टूटे, बिखरे परिवार के सदस्य अपनी गलती मानते हुए एक दूसरे से गले मिलते हैं और एक फ्रेम में आकर हंसते हुए परिवार को एकजुट होने का प्रदर्शन करते हैं और पर्दे पर द एंड लिखा आ जाता है।
- मुज़फ्फर अली
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