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महाराणा प्रताप का सेनापति भी मुस्लिम था, एक वोट के लिए कितना गिरोगे, शेखावत के बयान पर उचियारड़ा का पलटवार

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महाराणा प्रताप का सेनापति भी मुस्लिम था, एक वोट के लिए कितना गिरोगे, शेखावत के बयान पर उचियारड़ा का पलटवार

Jodhpur Lok Sabha Seat: जोधपुर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी गजेंद्र सिंह शेखावत और कांग्रेस उम्मीदवार करण सिंह उचियारड़ा में जुबानी जंग तेज हो चुकी है. उचियारड़ा ने शेखावत के एक बयान पर पलटवार किया है. सोमवार को सूरसागर में जनसभा में शेखावत ने कहा था, ‘मैं आपका हूं और आपके बीच उपलब्ध रहता हूं, मेरे घर के दरवाजे 24 घंटे सभी के लिए खुले हैं अब आपको मुझे मतदान करना है या कांग्रेस के प्रत्याशी करण सिंह को? अगर करण सिंह MP बन गया तो शहजाद खान के पास जाना पड़ेगा, आपको तय करना है कि आपको किसके यहां जाना है’

भाजपा प्रत्याशी शेखावत के बयान पर पलटवार करते हुए करण सिंह उचियारड़ा ने बुधवार को जोधपुर में जनसभा में कहा- क्यों शहजाद मेरे घर नहीं मिल सकता. जब महाराणा प्रताप का सेनापति मुस्लिम हो सकता है तो मेरे घर पर शहजाद क्यों नहीं मिल सकता.

‘सांसद केंद्र’ बनाकर 24 घंटे आप लोगों की सेवा करूंगा’
जोधपुर में जनसभा में उचियारड़ा ने कहा, ‘भाजपा प्रत्याशी गजेंद्र सिंह शेखावत एक जगह कह रहे थे, मुझे वोट दोगे तो 24 घंटे उनके दरवाजे खुले रहेंगे. मैं कहता हूं, तो फिर 10 साल से बंद क्यों किए हुए थे गज्जू बन्ना? करण सिंह ने कहा, जब मैं लोकसभा क्षेत्र में लोगों को कहा कि आप लोगों की सुविधा के लिए मैं एक ‘सांसद केंद्र’ बनाकर 24 घंटे आप लोगों की सेवा करूंगा तब यह आपको याद आया? आप कहते हो करण सिंह को वोट दे दिया तो शहजाद खान से मिलना पड़ेगा. एक वोट के लिए आप कितना गिर सकते हो और क्या कर सकते हो.. इससे बड़ा नमूना होगा क्या?

‘मैं आपकी तरह समाज को बांट नहीं सकता’
उचियारड़ा ने कहा, मेरे घर आओगे तो करण सिंह खुद मिलेगा, उसकी बीवी सुप्रिया मिलेगी, बेटा हर्षवर्धन मिलेगा, वहां सरदार परमवीर सिंह मिलेगा, 36 कौम के लोग मिलेंगे. 36 धर्म के लोग मिलेंगे. तो फिर शहजाद मेरे घर क्यों नहीं मिल सकता ? करण सिंह ने कहा कि, मैं आपकी तरह समाज को बांट नहीं सकता, मैं कल्पना नहीं कर सकता कि आप एक राजपूत होकर हिंदू-मुस्लिम की बात करते हो. जब महाराणा प्रताप का सेनापति एक मुसलमान हो सकता है तो फिर मेरे घर शहजाद क्यों नहीं ? जब हमको परमाणु बम बनाना होता है तो अब्दुल कलाम साहब को याद करते हैं तो मेरे घर शहजाद क्यों नहीं मिल सकता.

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